हरयाणवी कविता हरयाणवी कविता
कितना समझाया कि उसे पास-ए-वफ़ा न था और मैं हूँ की जुनून करता चला जाता हूं कितना समझाया कि उसे पास-ए-वफ़ा न था और मैं हूँ की जुनून करता चला जाता हूं
तूने भी क्या ये कह दिया अपने बयान में इक-हवा जो उठ रहा था वो तूफ़ान हो गया तूने भी क्या ये कह दिया अपने बयान में इक-हवा जो उठ रहा था वो तूफ़ान हो गया
सदियों से दोहराई गई बातों में कोई बात नई। सदियों से दोहराई गई बातों में कोई बात नई।
खिलाड़ी वैसे तो वो पुराना था पर किसी और की शह उसे मात दे गई ! खिलाड़ी वैसे तो वो पुराना था पर किसी और की शह उसे मात दे गई !
हर ज़ख्म की एक दास्तान है इन में जो भुलाये भी न भुला सके, हर ज़ख्म की एक दास्तान है इन में जो भुलाये भी न भुला सके,